क्या आप जानते हैं रेलवे स्टेशन पर रखे इन ब्लैक बॉक्स का 'रहस्य'? आखिर किस काम आते हैं यह बक्से Mar 2nd 2022, 06:45, by अजय त्रिपाठी, जबलपुर <p style="text-align: justify;"><strong>Black Box on Railway Station:</strong> देश के अधिकांश रेलवे स्टेशनों में प्लेटफार्म के दोनों सिरों पर बहुत सारे ब्लैक बॉक्स रखे दिखते है. आमूमन जिसने भी रेल यात्रा की है, उसकी नजर अलग-अलग नाम लिखे इन ब्लैक बॉक्स पर जरूर पड़ी होगी. साथ में ये जानने की जिज्ञासा भी हुई होगी कि आखिरकार इन रहस्यमयी बॉक्स में होता क्या है. तो आज हम आपके लिए इन ब्लैक बॉक्स का रहस्य खोलने जा रहे है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या है ब्लैक बॉक्स का महत्व<br /></strong>चलिए सबसे पहले जानते है कि इन ब्लैक बॉक्स का ट्रेन परिचालन में क्या महत्व है?जिस तरह सीमा पर लड़ने के लिए जवान को गोला-बारूद,हथियार और अन्य जरूरी साजो-सामान की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह ट्रेन के गार्ड और लोको पायलट को भी ट्रेन को व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से चलाने के लिए कुछ सामान की जरूरत होती है. रेलवे की भाषा में इस समान को व्यक्तिगत भंडार (Personal-Store) कहा जाता है.इसमे से कुछ सामान सामान्य कार्य के लिये आवश्यक है और कुछ सामान आपात स्थितियों में काम आता है.यह सामान गार्ड और लोको पायलट दोनों की जरूरत के हिसाब से अलग-अलग होता है, जिसे उन्हें भारतीय रेलवे द्वारा दिया जाता है.</p> <p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/03/02/c7284ffde23a4369fe5feb3156748368_original.jpg" /></p> <p style="text-align: justify;">इसी समान को सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से रखने तथा एक जगह से दूसरी जगह लाने-ले जाने के लिए गार्ड और लोको पायलट लोहे के एक मजबूत बॉक्स में ताला लगा कर रखते हैं,जिससे ये प्लेटफ़ॉर्म और यार्डों में हर परिस्थिति में सुरक्षित पड़े रहें.ऐसे बक्सों को लाइन-बॉक्स या ब्लाक बॉक्स कहते हैं. ऐसे सामान्यतः काले रंग के बड़े आकार के लाइन बॉक्स को आमतौर पर बड़े-बड़े गुड्स यार्डों एवं जंक्शन स्टेशनों पर जहाँ ट्रेन के क्रू की अदला-बदली होती है,प्लेटफ़ॉर्म के दोनों सिरों पर बहुतायत में रखा हुआ देखा जाता है.इन लाइन-बक्सों को गार्ड ब्रेक-वैन और लोकोमोटिव की ड्राइविंग कैब में जरूरतानुसार चढ़ाने और उतारने के लिए बॉक्स-बॉय नियुक्त किये जाते हैं.ये ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के बाद पूर्व निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक आने वाले गार्ड और लोको पायलट का लाइन-बॉक्स उतारते हैं, और फिर क्रू लॉबी या स्टेशन मास्टर से मिली जानकारी के अनुसार जाने वाले गार्ड और लोको पायलट का बक्सा चढ़ा भी देते हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बॉक्स पर गार्ड लिखते हैं अपना नाम<br /></strong>अपने-अपने बॉक्स की पहचान के लिए गार्ड और लोको पायलट इन पर सफेद रंग से बड़े अक्षरों में अपना पूरा नाम, पदनाम और मुख्यालय का नाम लिखते हैं.साथ ही पहचान चिन्ह भी अंकित करके रखते हैं, जिससे बॉक्स-बॉय को सही ट्रैन में सही क्रू का लाइन-बॉक्स चढ़ाने में मदद मिल सके और ट्रेन इस कारण से लेट न हो.कुछ साझा लाइन बॉक्स भी होते हैं, जिन्हें क्रू लॉबी द्वारा आपात स्थिति में, जब किसी क्रू का लाइन बॉक्स किसी और स्टेशन पर छूटने या अन्य किसी वजह से ठीक समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण उपलब्ध नहीं है, उपयोग में लाया जाता है.</p> <p style="text-align: justify;">लेकिन अभी भी आपके मन मे ये जिज्ञासा होगी कि इन ब्लैक बॉक्स में आखिर होता क्या है ? रेलवे के सामान्य एवं सहायक नियमों के अनुसार गार्ड और लोको पायलट के लिए निर्धारित किया गया व्यक्तिगत-सामान ड्यूटी करते समय ( ट्रेन परिचालन के दौरान) उनके साथ रहना ही चाहिए और यही समान इन बक्सों में रखा जाता है.<br /><br /><strong>जानें ब्लैक बॉक्स में क्या होता है</strong><br /><br />1.नवीनतम दुर्घटना नियमावली पुस्तक या कम से कम इस पुस्तक का उसकी ड्यूटी से संबंधित भाग<br /><br />2.सामान्य एवं सहायक नियम की नवीनतम पुस्तक या कम से कम इस पुस्तक का उसकी ड्यूटी से सम्बंधित भाग<br /><br />• ये दोनों पुस्तकें अब डिजिटल फॉर्म (जैसे कि मोबाइल में पीडीएफ फ़ाइल इत्यादि) में रखने की इजाजत अभी हाल ही में रेलवे बोर्ड की तरफ से दे दी गई है.<br /><br />• मांगे जाने पर अपने वरिष्ठ अधिकारी को पेश किया जाना अनिवार्य है.<br /><br />• उसकी ड्यूटी से सम्बंधित भाग के अंतर्गत उस पुस्तक की जगह गार्ड हस्त पुस्तिका (Guard’s hand book) भी हो सकती है.<br /><br />3. गार्ड की मेमो बुक<br /><br />4. 10 डेटोनेटर (आपातकालीन पटाखा सिग्नल)<br /><br />5. दो लाल एवं एक हरी झंडी<br /><br />6. पैड लॉक (ताला) एवं चाभी<br /><br />7. एमयू पाइप के लिए रबर वॉशर-3<br /><br />8. पार्सल लदान पुस्तिका<br /><br />9. एलईडी प्रकार की टेल लैंप और टेल बोर्ड, क्रमशः रात और दिन में अन्तिम वाहन के पीछे लगाने के लिए<br /><br />10. डिटैचेबल एयर प्रेशर गेज, एडाप्टर के साथ (सिर्फ गुड्स गार्ड के लिए)<br /><br />11. एक फ्यूजी सिग्नल (जहाँ निर्धारित किया गया हो)<br /><br />12. एलईडी प्रकार की तीन रोशनियों (हरा, लाल एवं सफेद) वाली हाथ टॉर्च<br /><br />13. कैरिज चाभी<br /><br />14. शिकायत पुस्तिका<br /><br />15. सेल के साथ एक टॉर्च<br /><br />16. एक हल्का प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स<br /><br />17. एयर ब्रेक कोच की एसीपी (अलार्म चैन पुलिंग) को रिसेट करने की चाभी<br /><br />इन सब सामानों के साथ ही जरूरत का अन्य व्यक्तिगत समान भी इन बक्सों में रखा जा सकता है. कुछ लोग आवश्यकतानुसार चादर, तौलिया, नेपकिन, राइटिंग-पैड, आवश्यक स्टेशनरी, सीट कवर इत्यादि भी अपनी सुविधा के लिये इसमें रख देते हैं.<br /><br />वैसे यहां आपको बता दें कि अब ये ब्लैक बॉक्स बीते दिनों की बात होने वाले है.हाल ही में रेलवे ने इन ब्लैक बॉक्स को हटाने का निर्णय लिया है जिसका कर्मचारियों के संगठन विरोध कर है.उसकी जगह रेलवे ने ट्रॉली बैग और हर तीन साल में लोको पायलट और गार्ड को 5000 हजार रुपये देने का निर्णय लिया है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong></p> <p class="article-title " style="text-align: justify;"><strong><a href="https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-news-chitrakoot-twin-brother-murder-case-the-victim-s-father-demanding-capital-punishment-for-accused-ann-2072552">MP News: चित्रकूट के जुड़वा भाई मर्डर केस में पीड़ित पिता ने हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा, आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग</a></strong></p> <p class="article-title " style="text-align: justify;"><strong><a href="https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/madhya-pradesh-senior-journalist-and-film-critique-jaiprakash-chauksey-died-of-cancer-wrote-columns-for-26-years-2072572">Madhya Pradesh: वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे का निधन, कैंसर से थे पीड़ित</a></strong></p> |